पीएम मोदी की डिग्री मांगे जाने के मामले में गुजरात हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक बड़ा झटका लगा। गुजरात हाई कोर्ट ने शुक्रवार को सीएम अरविंद केजरीवाल की याचिका को खारिज कर दिया। गुजरात हाई कोर्ट ने निर्देश दिया कि, प्रधानमंत्री कार्यालय को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की डिग्री और स्नातकोत्तर डिग्री के प्रमाणपत्र पेश करने की कोई जरुरत नहीं है। गुजरात हाई कोर्ट ने मुख्य सूचना आयोग के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें पीएमओ के जन सूचना अधिकारी और गुजरात विश्वविद्यालय और दिल्ली विश्वविद्यालय के पीआईओ को प्रधानमंत्री मोदी की स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्री दिखाने का निर्देश दिया था। इसके साथ ही गुजरात हाई कोर्ट ने दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल पर सख्ती करते हुए उन पर जुर्माना ठोंक दिया। गुजरात हाई कोर्ट ने केजरीवाल पर 25 हजार रुप का जुर्माना भी लगाया है। गुजरात हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद दिल्ली सीएम केजरीवाल ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहाकि, क्या देश को ये जानने का भी अधिकार नहीं है कि उनके प्रधानमंत्री कितने पढ़े हैं?
अप्रैल 2016 में तत्कालीन सीआईसी ने दिल्ली विश्वविद्यालय और गुजरात विश्वविद्यालय को निर्देश दिया था कि, वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्राप्त डिग्री के बारे में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जानकारी प्रदान करें। जुलाई 2016 में गुजरात हाईकोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी थी। नरेंद्र मोदी ने चुनाव आयोग में दिए हलफनामे में बताया था कि, उन्होंने 1978 में दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए किया था और 1983 में गुजरात विश्वविद्यालय से एमए की डिग्री ली थी।
प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री दिखाने की मांग वाली याचिका गुजरात हाई कोर्ट से खारिज होने के बाद अरविंद केजरीवाल ने अपने ट्विटर पर ट्वीट के जरिए अपनी प्रतिक्रिया देते हुए यह सवाल किया कि, क्या देश को ये जानने का भी अधिकार नहीं है कि उनके पीएम कितना पढ़े हैं। कोर्ट में इन्होंने डिग्री दिखाए जाने का ज़बरदस्त विरोध किया। क्यों, और उनकी डिग्री देखने की मांग करने वालों पर जुर्माना लगा दिया जाएगा। ये क्या हो रहा है। अनपढ़ या कम पढ़े लिखे च्ड देश के लिए बेहद ख़तरनाक हैं।
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