कविता
एक आत्मीय सम्बोधन -तुम्हारा नाम
स्मृतिखंडों के बीच झलकता चितकबरा प्रकाश.
एक हँसी बन्द दरवाज़ों को खटखटाती.
????कुँवर नारायण, अपनी लंबी कविता “आत्मजयी” में.
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एक आत्मीय सम्बोधन -तुम्हारा नाम
स्मृतिखंडों के बीच झलकता चितकबरा प्रकाश.
एक हँसी बन्द दरवाज़ों को खटखटाती.
????कुँवर नारायण, अपनी लंबी कविता “आत्मजयी” में.