राहुल सांकृत्यायन

अप्रैल 10, 2023 - 14:03
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राहुल सांकृत्यायन

राहुल सांकृत्यायन की जयंती पर उनके साहित्य और उनके जीवन आदर्श पर बात होनी चाहिए। उनका साहित्य विपुल है और उनका जीवन संघर्ष बहुत प्रेरणादायक है। तेजी से काम किया और बहुत सारी दिशाओं में गए इसलिए स्वाभाविक है कि हर जगह वे एकदम सही हों यह जरूरी नहीं, लेकिन कुल मिलाकर वे हमारे साहित्यकारों में सबसे महत्त्वपूर्ण लोगों में माने जाएंगे।

 जो लोग सामान्य परिवारों से ( खासकर गांवों से) आए हैं उनके लिए तो वे शायद सबसे बड़े आदर्श हैं। हिंदी जगत में वे प्रेमचंद के साथ सबसे बड़े लेखक के रूप में रखे जाने योग्य हैं। बहुत स्वाभिमानी भी थे। साहित्यकार का स्वाभिमान भी उनमें कूट कूट कर भरा था। जब भी उनका स्मरण होता है अपनी भाषा, स्वदेश और अपने देश के आम लोगों के प्रति सम्मान का ही भाव जाग्रत होता है। साथ ही यह भी विश्वास जागता है कि बेहतर दुनिया संभव है। फेफड़े में नई हवा भरने के लिए भी राहुल सांकृत्यायन को हमसब याद करें। वे हमारे लिए आदर्श हैं।

 उनके लिखे से हम सीखें कि हमारा जीवन सिर्फ अपने लिए नहीं है। पूरी दुनिया से हम सीखें और पूरी दुनिया को बेहतर बनाने में हो रहे प्रयासों में अपना योगदान कर सकें, साहस के साथ ! एक लेखक भी एक योद्धा की तरह महत्त्वपूर्ण भूमिका में होता है क्योंकि उसे शक्तिशाली लोगों को कहना होता है : तुम्हारी क्षय हो !

अपनी तरह के लोगों के लिए उनका संदेश है : भागो नहीं, दुनिया को बदलो

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