याद रखना
दार्शनिक लाओत्से ने कहा है
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" तुम मुझे हरा न सकोगे, क्योंकि मैं पहले से ही हारा हुआ हूँ । तुम मुझे मेरे सिंहासन से उतार न सकोगे, क्योंकि मैं जहाँ बैठा हूँ वह अंतिम स्थान है । तुम मुझे दु:ख न दे सकोगे, क्योंकि मैंने सुख की आकाँक्षा को ही विसर्जित कर दिया है ।"
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