सारस पर सियासत?
आरिफ़ ने घायल सारस का इलाज किया था उसके बाद से वो पक्षी उनके पास ही रहने लगा. वो आरिफ़ के साथ ही खाना खाता और घूमता था.
आरिफ़ का कहना है कि उन्होंने उस सारस को कभी क़ैद में नहीं रखा वो एक आज़ाद पंछी था. उनका ये भी कहना है कि इससे पहले वन विभाग का कोई अधिकारी इस बारे में उससे जानकारी लेने नहीं आया.
सारस और आरिफ़ की कहानी मीडिया में देखने के बाद समाजवादी पार्टी के नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी आरिफ़ और उस सारस से मिलने अमेठी गए और उनके साथ ली गई तस्वीर भी साझा की.
वन विभाग की कार्रवाई के बाद अखिलेश यादव ने एक प्रेंस कॉन्फ़्रेंस कर कहा कि वन सारस को इसलिए ले जाया गया क्योंकि उन्होंने आरिफ़ और सारस से मुलाक़ात की थी. जिसके बाद इस मामले पर राज्य में सियासत तेज़ हो गई है.
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