महिलाओं के गर्भाशय में सालों पहले कुंडली मारकर बैठ जाता है पॉलिप, कैंसर और इनफर्टिलिटी का खतरा
महिलाओं के गर्भाशय में सालों पहले कुंडली मारकर बैठ जाता है पॉलिप, कैंसर और इनफर्टिलिटी का खतरा
पॉलिप्स टिशू से बढ़कर अलग होने लगता है. यह बहुत छोटा, फ्लेट, मस्सानुमा और मशरूम की तरह होता है जो गर्भाशय की दीवार में चिपका रहता है. हालांकि पॉलिप्स कान, नाक और गले में भी हो सकता है लेकिन गर्भाशय में अगर पॉलिप्स हो जाए और इसे बहुत दिनों तक बिना निकाले छोड़ दिया जाए तो यह कई तरह से महिलाओं के शरीर को नुकसान पहुंचाता है. वाास्तव में जब पॉलिप्स गर्भाशय में विकसित होता है तो बहुत दिनों तक ऐसे ही बिना नुकसान पहुंचाए रहता है. एक तरह से यह सालों कुंडली मारकर बैठा रहता है लेकिन धीरे-धीरे यह नुकसान पहुंचाने लगता है.
हालांकि पॉलिप्स के अधिकांश मामले कैंसर रहित होता है. कुछ ही मामलों में यह कैंसर के रूप में विकसित हो जाता है लेकिन अगर यह बहुत दिनों तक गर्भाशय में रह गया तो महिलाओं को कई तकलीफों से गुजरना पड़ता है.
मायो क्लिनिक के मुताबिक गर्भाशय में मौजूद पॉलिप्स का आकार तिल जितने छोटे से लेकर गोल्फ की गेंद इतने बड़ा हो सकता है. यह गर्भाशय की दीवाल में चिपका रहता है. गर्भाशय में एक या एक से ज्यादा भी पॉलिप्स हो सकता है. यह गर्भाशय की दीवाल में स्थिर रहता है लेकिन इससे नीचे आकर यह सर्विक्स तक भी पहुंच सकता है. हालांकि ज्यादातर पॉलिप्स मेनोपॉज कंपलीट करने वाली महिलाओं को होती है लेकिन यंग एज की महिलाओं में भी यह हो सकता है.
गर्भाशय में पॉलिप्स के बाद ये दिखते हैं संकेत
1.मेनोपॉज के बाद निजी अंगों से ब्लीडिंग बहुत होता है.
2.पीरियड्स के दौरान बहुत ज्यादा ब्लीडिंग.
3.बहुत जल्दी-जल्दी पीरियड्स आ जाना या बहुत देर से पीरियड्स होना. एक तरह से अनियमित पीरियड्स होना.
4.पीरियड्स बहुत हैवी होना.
5.कुछ मामलों में इनफर्टिलिटी की वजह भी पॉलिप्स हो सकता है.
6. कुछ लोगों में लाइट ब्लीडिंग होती है जबकि कुछ में कोई लक्षण भी नहीं दिखता.
पॉलिप्स के कारण जटिलताएं
गर्भाशय में पॉलिप्स हो जाने के बाद इनफर्टिलिटी हो जाती है जिसके कारण मां बनने में दिक्कत होगी. लेकिन पॉलिप्स को निकालने के बाद मां बन सकती हैं. हालांकि पॉलिप्स के बाद मां बनने की कितनी संभवना है, इसे लेकर कोई डाटा नहीं है.
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