शेर
तुम्हें जब कभी मिलें फ़ुर्सतें मिरे दिल से बोझ उतार दो ,
मैं बहुत दिनों से उदास हूँ मुझे कोई शाम उधार दो...!!
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तुम्हें जब कभी मिलें फ़ुर्सतें मिरे दिल से बोझ उतार दो ,
मैं बहुत दिनों से उदास हूँ मुझे कोई शाम उधार दो...!!