शेर
ये क्या ढूँढे चली जाती है दुनिया
तमाशा सा गली कूचों में क्या है
है वहशत सी ये हर चेहरे पे कैसी
न जाने सहमा सा नज़रों में क्या है
शान-उल-हक़ हक़्की
Painting is by Salvodar Dali
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ये क्या ढूँढे चली जाती है दुनिया
तमाशा सा गली कूचों में क्या है
है वहशत सी ये हर चेहरे पे कैसी
न जाने सहमा सा नज़रों में क्या है
शान-उल-हक़ हक़्की
Painting is by Salvodar Dali