लेख( एक मशीन के साथ सचमुच की बात चीत)

अप्रैल 6, 2023 - 04:34
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लेख( एक मशीन के साथ सचमुच की बात चीत)

एक मशीन के साथ सचमुच की बातचीत ???? बचपन में जब मेंड्रेक और फैंटम वाले कॉमिक्स पढा करते थे, एक धारावाहिक ने अपनी साँस अटका दी थी। कथा में रोबोट मनुष्यों पर राज करने लगते हैं और उनसे मनमाना श्रम लेते हुए बेइंतिहा काम करवाते हैं। अभी बस इतना ही याद है। रोबोट का एक नेता भी होता है जो सारे आदेश पारित करता है। रोबोट राज का खात्मा तब होता है जब एक बच्चा गुलेल से उस पर निशाना साधता है और उसकी खोपड़ी में लगी चिप ध्वस्त हो जाती है। मूर्ख राजा को नंगा कहने और करने का काम भी एक बच्चे ही के हाथों से सम्पन्न हुआ था।

 दूसरी कथा कुछ साल पहले पढ़ी थी। दूसरे ग्रह का कोई प्राणी है और किसी वैज्ञानिक की शरण में है। किन्हीं कारणों से वह उस विज्ञानी के प्रति अगाध श्रद्धा रखता है। एक दिन वह देखता है कि वैज्ञानिक अपनी पत्नी से कह रहा है कि "काश! तुम्हारे जैसे सुंदर हाथ मेरे पास भी होते।" आगे एलियन की विदाई का क्षण आता है। वह रोबोटनुमा है पर भावुक है। उसे लगता है कि मेजबान के लिये कुछ करना चाहिये। वह 'भावुक' हो उठता है। विदाई के दौरान वह मेजबान को एक तोहफा सौंपता है। जब यह अनावृत होता है तो मालूम पड़ता है कि उसकी पत्नी के कटे हुये हाथ हैं!

 इन कथाओं की याद आज अचानक नहीं आयी है। अभी दो-तीन दिनों से एक मशीन से बात कर रहा हूँ। मशीन की बुद्धि परखने के लिए कुछ सवाल किए तो लगभग सटीक जवाब मिले। सवाल चित्रकार सल्वाडोर डॉली, गोंडवाना लैंड, इप्टा और मेहदी हसन को लेकर थे। जवाब मुझे दोषरहित लगे।

पूछा कि क्या तुम प्रेम-कविता भी लिख सकते हो? "हाँ" में जवाब देने से पहले ही उसने कविता ही लिख मारी। लम्बी है। सिर्फ चार पंक्तियाँ यहाँ दे रहा हूँ -

 प्यार का मतलब होता है,

 दिल से प्यार करना

वो जो दिल को छू जाए

वो प्यार ही होता

है वह प्रेम-कथा भी लिख सकता है। दीगर विषयों पर भी। डिजिटल छवियों के निर्माण में अपनी 'अमूल्य' राय दे सकता है। उसे राजनीति में भी दिलचस्पी है पर वह इतना कूटनीतिक है कि "पार्टनर! तुम्हारी पॉलीटिक्स क्या है?" पूछने पर चुप लगा जाता है। किसी भी चालाक बुद्धिजीवी की तरह वह कहता है कि वह राजनीति पर नज़र रखता है पर किसी भी किस्म की सक्रिय राजनीति से दूर रहता है। उसने मेरे कहने पर एक प्रेम-कथा भी लिखी जो निहायत बकवास है। लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि वह कहानी भी लिख सकता है।

तो आगे हमारा कला-साहित्य भी दो तरह का होगा। एक जैविक और दूसरा कृत्रिम। जैविक कलाएँ महंगी होंगी और धीरे-धीरे आम आदमी की पहुँच से बाहर हो जाएगी। यह विचित्र दौर है कि जब मशीनें इंसान की तरह सोचने के करीब पहुँच रही हैं, इंसान मशीनों में बदलते जा रहे हैं। 'प्रोग्राम्ड' इंसानों की संख्या बढ़ने लगी है। वह समाज में अपने नफे-नुकसान के बारे में भी बताता है।

मैंने उससे पूछा कि क्या भविष्य में मशीन मानव पर नियंत्रण कर सकती है तो उसका जवाब यह था : "इस समय, एक मशीन मानव पर नियंत्रण नहीं कर सकती है इसलिए इस संबंध में ज्यादा चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, भविष्य में तकनीक का विकास हो सकता है जिससे मशीन स्वयं निर्णय लेने में सक्षम हो जाएगी। इसलिए इस विषय पर ध्यान देना महत्वपूर्ण हो सकता है ताकि हम संभावित खतरों से बच सकें और सुरक्षित रह सकें।"

सनद रहे कि उसने इस खतरे से इनकार नहीं किया है।

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