शेर

जिसे कहते हो तुम इक क़तरा-ए-अश्क
मिरे दिल की मुकम्मल दास्ताँ है
~ राग़िब मुरादाबादी
आपकी प्रतिक्रिया क्या है?







सीधे अपने इनबॉक्स में नवीनतम समाचार, अपडेट और विशेष ऑफ़र प्राप्त करने के लिए हमारी सब्सक्राइबर सूची में शामिल हों
जिसे कहते हो तुम इक क़तरा-ए-अश्क
मिरे दिल की मुकम्मल दास्ताँ है
~ राग़िब मुरादाबादी
Aaditya singh अप्रैल 3, 2023 0 1957
Aaditya singh अप्रैल 10, 2023 0 1850
Reporter1 अगस्त 17, 2023 0 1395
digitalnews जनवरी 14, 2024 0 1317
digitalnews अगस्त 29, 2024 0 1316
digitalnews अक्टूबर 25, 2024 0 96
digitalnews अक्टूबर 18, 2024 0 143
digitalnews अक्टूबर 10, 2024 0 92
digitalnews अक्टूबर 1, 2024 0 87
digitalnews सितम्बर 26, 2024 0 84