ग़ज़ल

मार्च 31, 2023 - 01:09
मार्च 31, 2023 - 09:15
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ग़ज़ल
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अगर हम कहें और वो मुस्कुरा दें

हम उन के लिए ज़िंदगानी लुटा दें

हर इक मोड़ पर हम ग़मों को सज़ा दें

 चलो ज़िंदगी को मोहब्बत बना दें

अगर ख़ुद को भूले तो कुछ भी न भूले

कि चाहत में उन की ख़ुदा को भुला दें

कभी ग़म की आँधी जिन्हें छू न पाए

 वफ़ाओं के हम वो नशेमन बना दें

क़यामत के दीवाने कहते हैं हम से

चलो उन के चेहरे से पर्दा हटा दें

सज़ा दें सिला दें बना दें मिटा दें

मगर वो कोई फ़ैसला तो सुना दें

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