ग़ज़ल

अप्रैल 1, 2023 - 10:43
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ग़ज़ल

मीना कुमारी नाज़ : पुण्यतिथि ????

 [ पूरी ग़ज़ल ???? ]

 आग़ाज़ तो होता है अंजाम नहीं होता

जब मेरी कहानी में वो नाम नहीं होता

 जब ज़ुल्फ़ की कालक में घुल जाए कोई राही

 बदनाम सही लेकिन गुमनाम नहीं होता

 हँस हँस के जवाँ दिल के हम क्यूँ न चुनें टुकड़े

हर शख़्स की क़िस्मत में इनआ'म नहीं होता

 दिल तोड़ दिया उस ने ये कह के निगाहों से

पत्थर से जो टकराए वो जाम नहीं होता

दिन डूबे है या डूबी बारात लिए कश्ती

साहिल पे मगर कोई कोहराम नहीं होता

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