शेर
कौन सी बात नई ऐ दिल-ए-नाकाम हुई,
शाम से सुब्ह हुई सुब्ह से फिर शाम हुई।
-शाद अज़ीमाबादी
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कौन सी बात नई ऐ दिल-ए-नाकाम हुई,
शाम से सुब्ह हुई सुब्ह से फिर शाम हुई।
-शाद अज़ीमाबादी