कविता

मार्च 29, 2023 - 00:25
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कविता

जब-जब भी मैं हारता हूँ

मुझे स्त्रियों की याद आती है

 और ताक़त मिलती है

 वे सदा हारी हुई परिस्थिति में ही

 काम करती हैं

 उनमें एक धुन एक लय एक मुक्ति

 मुझे नज़र आती है

वे काम के बदले नाम से गहराई तक

 मुक्त दिखलाई पड़ती हैं

असल में वे निचुड़ने की हद तक

 थक जाने के बाद भी

 इसी कारण से हँस पाती हैं

कि वे हारी हुई हैं

विजय सरीखी तुच्छ लालसाओं पर

उन्हें ऐतिहासिक विजय हासिल है ___________ ♦️

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