शेर
अपनी बे-चेहरगी में पत्थर था
आईना बख़्त में समुंदर था
सरगुज़िश्त-ए-हवा में लिखा है
आसमाँ रेत का समुंदर था
रसा चुग़ताई
आपकी प्रतिक्रिया क्या है?
अपनी बे-चेहरगी में पत्थर था
आईना बख़्त में समुंदर था
सरगुज़िश्त-ए-हवा में लिखा है
आसमाँ रेत का समुंदर था
रसा चुग़ताई