शेर
दिल की बिसात क्या थी निगाह-ए-जमाल में
इक आईना था टूट गया देख-भाल में
सीमाब अकबराबादी
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दिल की बिसात क्या थी निगाह-ए-जमाल में
इक आईना था टूट गया देख-भाल में
सीमाब अकबराबादी