शेर
सोज़-ए-ग़म देके मुझे उस ने ये इरशाद किया,
जा तुझे कश-म-कश-ए-दहर से आज़ाद किया...!!!
(जोश मलीहाबादी)
आपकी प्रतिक्रिया क्या है?
सोज़-ए-ग़म देके मुझे उस ने ये इरशाद किया,
जा तुझे कश-म-कश-ए-दहर से आज़ाद किया...!!!
(जोश मलीहाबादी)