ग़ज़ल
मैं औरत जात ठहरी हूं, मुझे मस्जिद नहीं जायज़...
तुम पांच वक्त जाते हो खुदा से मांग लो मुझको ..!!
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मैं औरत जात ठहरी हूं, मुझे मस्जिद नहीं जायज़...
तुम पांच वक्त जाते हो खुदा से मांग लो मुझको ..!!