कुछ रामायण से
रामायण में आज जिन अगत्स्य मुनि की चर्चा हुई है, यदि उनके कार्य ही आप याद रखें तो फेक आर्य-द्रविड़ थ्योरी को आप काट सकते हैं:-
१) अगत्स्य मुनि ने ही उत्तर भारत और दक्षिण भारत को जोड़ा। अर्थात भारत को अपने ज्ञान व कर्म से एक सूत्र में पिरोया। ब्रिटिशर्स व मार्क्सवदियों के झूठ की तरह उत्तर-दक्षिण में कोई युद्ध नहीं हुआ, किसी आर्य ने द्रविड़ का नाश नहीं किया।
२) महर्षि ने विंध्याचल पर्वत को कहा कि जब तक मैं दक्षिण से लौटकर नहीं आता, मत बढ़ना। वो कभी लौटकर उत्तर नहीं आए। अर्थात उत्तर और दक्षिण को जोड़कर उन्होंने वहां आने-जाने की सारी बाधा को दूर किया।
३) तमिलनाडु की तमिल भाषा व उसके व्याकरण का विकास उत्तर से गये ऋषि अगत्स्य ने ही किया। इसलिए भाषा के नाम पर उत्तर-दक्षिण को लड़ाने का जो खेल रचा गया, वह भी झूठा है।
४) दक्षिण भारत में अपने कर्म से कावेरी नदी को प्रवाहित किया। अर्थात उत्तर के समान ही दक्षिण का विकास सुनिश्चित किया।
५) केरल के कलारीपट्टू के जनक भी ऋषि अगत्स्य ही हैं। अर्थात आधुनिक मार्शल आर्ट विद्या के जनक भी अगत्स्य मुनि ही हैं। इसे चीन, जापान, कोरिया तक दक्षिण से बोधि धर्मन ले गये।
तो सोचिए, यदि आप रामायण व अन्य शास्त्र पढ़ें होते तो 'पंचमक्कार' आपको नहीं भटका पाते न?
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