उर्दू साहित्य

मार्च 22, 2023 - 02:41
मार्च 22, 2023 - 11:37
 0  29
उर्दू साहित्य

तन को है ख़ाक किया होके मुहब्बत में असीर।

रात दिन उसका उड़ाते हैं गुलाल और अबीर।

 ऐसी होली है उन्हीं की जो हैं दिलबर के फ़कीर।

 साल भर अपने तो घर होली ही रहती है ‘नज़ीर’॥

~ नज़ीर अकबराबादी

आपकी प्रतिक्रिया क्या है?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow