चीन में मस्जिद गिराने पर भी क्यों चुप रहे मुस्लिम देश?

चीन के यूनान प्रांत में 13वीं सदी की नाजियिंग मस्जिद के गुंबद गिराने के दौरान पुलिस और आम लोगों में झड़प

जून 2, 2023 - 19:50
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चीन में मस्जिद गिराने पर भी क्यों चुप रहे मुस्लिम देश?

चीन में नागू की नाजियिंग मस्जिद एक बड़ा लैंडमार्क है. बीते कुछ सालों में इस मस्जिद का विस्तार किया गया है. इस दौरान नई मीनारें जोड़ी गई हैं और एक नया गुंबद भी बनाया गया है.

लेकिन साल 2020 में एक अदालती फ़ैसले में कहा गया कि मस्जिद में किए गए निर्माण अवैध हैं और उन्हें तुरंत हटा दिया जाए.

अदालत के इसी फ़ैसले की तामीर किए जाने के प्रयास होते रहे हैं. इस कारण इलाक़े में भारी प्रदर्शन हुए थे.

इसके साथ ही चीन का ज़ोर धर्म के चीनीकरण पर है. वो मस्जिदों के निर्माण में चीनी वास्तुकला को बढ़ावा देता है.

मुस्लिम देशों की चुप्पी की वजह एजाज़ वानी बताते हैं, “मुस्लिम देश सत्तावादी हैं और हस्तक्षेपवादी नीतियों के कारण लोकतंत्र से ख़तरा महसूस करते हैं और ख़ासकर के अरब स्प्रिंग के बाद चीन ने इन मौजूदा परिस्थितियों का फ़ायदा उठाया है.”

“साथ ही चीन क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को बनाए रखने के लिए एक ग़ैर-हस्तक्षेपवादी नीति पर बल देता है.”

वानी चुप्पी की दूसरी वजह चीन के भारी भरकम क़र्ज़ को बताते हैं. वो कहते हैं कि चीन इन मुस्लिम देशों को बिना किसी शर्त के क़र्ज़ दे रहा है. बीआरआई के इन्फ़्रास्ट्रक्चर के लिए चीन अब तक पाकिस्तान को 62 अरब डॉलर तक का क़र्ज़ दे चुका है.

वो लिखते हैं कि चीन अपनी एनर्जी डिप्लोमेसी का भी इस्तेमाल करता है और वो सऊदी अरब, ईरान, कुवैत, ओमान और ईरान जैसे देशों के लिए कच्चे तेल के निर्यात का अहम केंद्र है.

क़तर ने साल 2019 में संयुक्त राष्ट्र के पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए थे लेकिन उसने सीधे तौर पर चीन की निंदा नहीं की. साल 2009 में तुर्की की सरकार ने चीन पर नरसंहार के आरोप लगाए थे लेकिन बाद में उसने भी नरम रवैया अपना लिया क्योंकि तुर्की की अर्थव्यवस्था बहुत हद तक चीन पर निर्भर है.

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