हत्यारे को पहले जेल से निकलवाया, फिर सिर में उतार दीं 3 गोलियां
लखीमपुर में रहने वाले 50 साल के किसान ने बेटे की मौत का अनोखा बदला लिया है। उसकी पत्नी और एक रिश्तेदार के बीच अवैध संबंध था। इस चक्कर में पत्नी ने अपने 14 साल के बेटे की हत्या करवा दी थी। इस मामले में दोनों जेल में बंद चल रहे थे।
यूपी के लखीमपुर खीरी से हैरतअंगेज अपराध कथा सामने आई है। यहां एक शख्स ने अपने बेटे की हत्या का बदला लेने के लिए ऐसा तरीका अपनाया, जिसे जान आपको भी अचरज होगा। उसने पहले वकील की मदद से बेटे के हत्यारे को जमानत पर जेल से रिहा करवाया। इसके बाद उसे मौत के घाट उतार दिया। यह हत्यारा कोई और नहीं, एक नजदीकी रिश्तेदार था जिसका उसकी पत्नी साथ अफेयर चल रहा था।
खीरी के मितौली इलाके में रहने वाले 47 वर्षीय शत्रुधन लाला की गत शुक्रवार रात गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। लाला के सिर पर तीन गोलियां मारी गई थीं। जांच के बाद पुलिस ने बताया कि शत्रुधन की हत्या उसके बेटे के ससुर काशी कश्यप ने की थी। काशी की पत्नी ने शत्रुधन लाला की मदद से अपने ही 14 साल के बेटे जितेंद्र की हत्या कर दी थी। आरोप है कि बेटे ने दोनों को आपत्तिजनक अवस्था में देख लिया था। पत्नी ने बेटे की हत्या तब की थी, जब एक अन्य मामले को लेकर काशी कश्यप जेल में बंद चल रहा था।
14 साल के लड़के की हत्या के मामले में काशी की बीवी और शत्रुधन लाला को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। दोनों भले ही जेल की सजा काट रहे थे पर काशी कश्यप अपने बेटे के हत्यारों से बदला लेने की आग में जल रहा था। 2022 में जेल से बाहर आने पर काशी ने सबसे पहले एक वकील से संपर्क किया। उसके माध्यम से शत्रधुन लाला का जमानत कराया। लाला जब जेल से बाहर आ गया तब काशी उसे मारने के लिए मौके की तलाश करने लगा। जैसे ही उसे सही मौका मिला, उसने लाला का काम तमाम कर दिया।
काशी कश्यप 2020 में हुए एक मर्डर केस को लेकर जेल में बंद हुआ था। 2021 में उसका 14 साल का बेटा जितेंद्र अचानक घर से गायब हो गया। कुछ दिन बाद उसका शव नदी के किनारे पड़ा मिला था। पुलिस को लगा शायद जितेंद्र की मौत डूबने की वजह से हुई, इसलिए कोई मामला वगैरह नहीं दर्ज किया गया। इस बीच, काशी कश्यप की पत्नी और शत्रुधन लाला के बीच में कुछ विवाद हुआ। दोनों ने जितेंद्र की मौत को लेकर एफआईआर दर्ज करने के लिए कोर्ट से गुहार लगाई। अब जब पुलिस ने दोबारा जांच शुरू की तो पता चला कि जितेंद्र की मां ने ही शत्रुधन के साथ मिलकर उसकी हत्या की थी। दोनों को जेल भेज दिया गया था। उधर, जेल में बंद चल रहे काशी कश्यप को जब बेटे की मौत का पता चला तो वह बदहवास हो गया।
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