असम पुलिस ने किसान को खूंखार डकैत बताकर एनकाउंटर में मार गिराया
असम पुलिस ने खूंखार डकैत बताकर एक किसान को एनकाउंटर में मार गिराया। सीआईडी जांच में इसका खुलासा हुआ। सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने जांच के आदेश दिए थे। असम पुलिस के फेक एनकाउंटर को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
असम पुलिस ने जिसे खूंखार डकैत बताकर एनकाउंटर में मार गिराया था वह असल में एक छोटा किसान था। गलत पहचान को लेकर उठे सवाल पर सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने जांच के आदेश दिए थे जिसमें यह सामने आया कि पुलिस ने गलत शख्स को एनकाउंटर में मारा था।
सीआईडी ने अपनी जांच में बताया कि एनकाउंटर में मारा गया शख्स डकैत केनाराम बोरो उर्फ केनाराम बासुमतारी नहीं था, बल्कि वह दिबेश्वर मुचाहारी था। परिवार का दावा है कि वह एक छोटा किसान था। लेकिन पुलिस का दावा है कि दिंबेश्वर (40) पर भी कई क्रिमिनल रिकॉर्ड है।
24 फरवरी को उदलगुड़ी में हुए एनकाउंटर को लेकर पुलिस ने दावा किया कि दो लोगों ने उन पर फायरिंग की थी। जवाबी कार्रवाई में एक कथित डकैत को मार गिराया गया जबकि उसका साथी फरार हो गया।
पुलिस ने बाद में दावा किया कि एनकाउंटर में केनराम को मारा गया था और उसके शव को परिवार को सौंप दिया गया था जिसके बाद उसका अंतिम संस्कार किया गया।
दूसरे दिन, एक अन्य परिवार ने दावा किया एनकाउंटर में मारा गया शक्त दिंबेश्वर था, न कि केनराम। इसे लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज हुई जिसके बाद सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने सीआईडी जांच के आदेश दिए।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि इसके बाद शव को कब्र से निकालकर डीएनए विश्लेषण किया गया जिसमें गड़बड़ी का खुलासा हुआ। इसमें सामने आया कि शव दिंबेश्वर का ही था। कागजी कार्रवाई के बाद शव को परिवार को सौंप दिया गया। मुचाहारी के परिवार ने कहा कि वह इंसाफ चाहते हैं क्योंकि पुलिस ने उनके बेटे को डकैत बताकर मार दिया।
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