उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका, चुनाव आयोग के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट का रोक लगाने से इनकार
उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका, चुनाव आयोग के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट का रोक लगाने से इनकार
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को चुनाव आयोग (Election Commission) के उस आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसमें एकनाथ शिंदे गुट (Eknath Shinde) को असली शिवसेना (Shiv Sena) के रूप में मान्यता दी गई थी। उद्धव ठाकरे खेमे (Uddhav Thackeray) की तरफ से शीर्ष कोर्ट में याचिका दाखिल कर चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती दी गई थी और मांग की गई थी की शिंदे गुट को 'शिवसेना' नाम और पार्टी का चिन्ह ‘धनुष-बाण’ का उपयोग करने से तत्काल रोका जाये।
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) और जस्टिस पीएस नरसिम्हा (PS Narasimha) और जेबी परदीवाला (JB Pardiwala) की पीठ ने आज ठाकरे गुट की याचिका पर सुनवाई की। हालांकि, पीठ ने पुणे के चिंचवाड़ और कस्बा पेठ उपचुनाव में उद्धव ठाकरे गुट को 'शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे)' नाम और 'जलता मशाल' प्रतीक का उपयोग करने की अनुमति दी है।
बता दें कि दिवंगत बालासाहेब ठाकरे द्वारा स्थापित शिवसेना में पिछले साल जून महीने में सबसे बड़ी बगावत हुई। जिसके बाद शिवसेना दो गुटों में विभाजित हो गई, एक का नेतृत्व ठाकरे कर रहे है, जबकि दूसरे का एकनाथ शिंदे। यहां तक की जून 2022 में उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और उनकी जगह शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने। तीन सदस्यीय चुनाव आयोग ने शिंदे द्वारा दायर छह महीने पहले एक याचिका पर बीते शुक्रवार को सर्वसम्मत आदेश पारित किया और कहा कि उसने शिंदे गुट को शिवसेना के तौर पर मान्यता दी है। आयोग ने स्पष्ट कहा कि इस फैसले के पीछे उसने विधायक दल में पार्टी के संख्या बल पर गौर किया है।
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