पति की खरीदी संपत्ति में पत्नी बराबर की हकदार:मद्रास हाईकोर्ट बोला- भले पैसा पति ने कमाया
मद्रास हाईकोर्ट ने कहा - 'बच्चों और परिवार की देखभाल करना 8 घण्टे नहीं, बल्कि 24 घण्टे की नौकरी है';
एक महत्वपूर्ण फैसले में मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि एक पत्नी, उस संपत्ति में बराबर की हकदार हे, जिसे उसके पति ने अपने नाम पर खरीदा है। ऐसा इसलिए क्योंकि उसने घरेलू कामकाज करके पारिवारिक संपत्ति के बनाने और खरीदने में अप्रत्यक्ष रूप से योगदान दिया है।
जस्टिस कृष्णन रामासामी ने कहा कि हालांकि वर्तमान में ऐसा कोई कानून नहीं है जो पत्नी के योगदान को मान्यता देता हो, कोर्ट ही इसे अच्छी तरह मान्यता दे सकता है। कानून भी किसी जज को पत्नी के योगदान को मान्यता देने से नहीं रोकता है।
कन्नियन नायडू नाम के शख्स ने एडिशनल डिस्ट्रिक्ट और सेशन कोर्ट में याचिका लगाई थी। जिसमें उसने कहा था कि उसकी पत्नी वो संपत्ति हड़पना चाहती है, जिसे खरीदने के लिए लिए उसने पत्नी को पैसे भेजे थे। कन्नियन ने कोर्ट से कहा था कि विदेश में रहते हुए वह अपने नाम पर संपत्ति नहीं खरीद सकता था, इसलिए उसने पत्नी के नाम पर खरीदा।
इस मामले में कन्नियन की पत्नी कंसाला ने कहा कि वह सभी संपत्तियों में बराबर की हकदार है, क्योंकि उसने पति के विदेश में रहने के दौरान परिवार की देखभाल की। इसके चलते वह खुद नौकरी नहीं कर सकी। यहां तक कि पति की विदेश यात्रा के लिए उसने पैतृक संपत्ति भी बेची थी। पति की गैरमौजूदगी में उसने सिलाई और ट्यूशन से पैसे कमाए थे।
हालांकि निचली अदालतों ने पति के दावे को स्वीकार कर लिया और उसे ही संपत्तियों का असली मालिक माना। इस फैसले को हाईकोर्ट ने यह कहकर पलट दिया कि पति और पत्नी दोनों संपत्तियों के समान हकदार थे। कोर्ट ने कहा कि पत्नी, पति की सभी संपत्तियों में आधे हिस्से की हकदार है, जो उसके नाम पर खरीदी गई हैं।
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