कविता

फ़रवरी 14, 2023 - 12:47
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कविता

वह देखना चाहती है सिर्फ उसे मगर देख रही है 

कहीं और जबकि वह देख रही टकटकी बांध

सिर्फ उसी की ओर एक-दूसरे को देखने के

ये अपने-अपने तरीके हैं

इस तरह सुनने-समझने मौन-मुखर रहने के भी

प्रेम की पहली सीढ़ी है

यह इसमें न कहकर कहा जाता है

न सुनकर सुना जाता है न देखकर देखा जाता है

अभी तो बात सिर्फ इतनी-सी है। 

~ विष्णु नागर/इतनी-सी बात

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