कविता
सिर्फ़ लड़ते वक्त ही नहीं
हथियार की धार परखते वक्त भी
उंगली खून से
रंग जाती है...
देवी_प्रसाद_मिश्र...
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सिर्फ़ लड़ते वक्त ही नहीं
हथियार की धार परखते वक्त भी
उंगली खून से
रंग जाती है...
देवी_प्रसाद_मिश्र...