कविता
तुमने जहाँ लिखा है ' प्यार'
वहाँ लिख दो सड़क''
फर्क क्या पड़ता है
बस्ती में एक लड़की रस्सी से झूलते हुए पाई जाती है,
केदार उसके प्रेमी ने कहा था
फर्क नहीं पड़ता यह मेरे युग का मुहावरा है
केदारनाथ_सिंह
आपकी प्रतिक्रिया क्या है?
तुमने जहाँ लिखा है ' प्यार'
वहाँ लिख दो सड़क''
फर्क क्या पड़ता है
बस्ती में एक लड़की रस्सी से झूलते हुए पाई जाती है,
केदार उसके प्रेमी ने कहा था
फर्क नहीं पड़ता यह मेरे युग का मुहावरा है
केदारनाथ_सिंह