कविता
कितनी लाख चीख़ों
कितने करोड़ विलापों-चीत्कारों के बाद
किसी आँख से टपकी एक बूंद को
नाम मिला- आँसू
कौन बताएगा बूंद से
आँसू कितना भारी है ?
केदारनाथसिंह
आपकी प्रतिक्रिया क्या है?
कितनी लाख चीख़ों
कितने करोड़ विलापों-चीत्कारों के बाद
किसी आँख से टपकी एक बूंद को
नाम मिला- आँसू
कौन बताएगा बूंद से
आँसू कितना भारी है ?
केदारनाथसिंह