बिल ना देने पर शव को बंधक नहीं बना सकते अस्पताल
बिल ना देने पर शव को बंधक नहीं बना सकते अस्पताल
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पर पार्लियामेंट्री एडहॉक कमेटी सदस्य संजीव अरोड़ा ने जनता के बीच जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता पर बल दिया है कि मरीजों के अधिकारों के चार्टर के अनुसार, लोगों को यह अधिकार है कि अगर किसी मृतक का अस्पताल का बिल नहीं चुकाया जाता है, तो भी अस्पताल द्वारा शव को बंधक नहीं बनाया जा सकता है।
आज यहां एक बयान में अरोड़ा ने कहा कि देश में यह अधिकार होने के बावजूद भी ऐसी घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने कहा, "मैं सभी जिलों के प्रशासन को सलाह देता हूं कि नागरिकों को इस अधिकार के बारे में पता होना चाहिए और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।" अरोड़ा ने कहा कि इस संबंध में एक प्रश्न हाल ही में हरियाणा के उनके सहयोगी कार्तिकेय शर्मा, सांसद (राज्यसभा) द्वारा हाल ही में हुए राज्यसभा सत्र में उठाया गया था। जवाब में, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने जवाब दिया था कि क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट्स (रजिस्ट्रेशन एंड रेगुलेशन) एक्ट, 2010 के अंतर्गत एक वैधानिक संस्था नेशनल कौंसिल फॉर क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट्स, द्वारा स्वीकृत द पेशेंट्स राइट्स चार्टर सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध है।
उक्त चार्टर के दिशा-निर्देशों के अनुसार, अस्पतालों द्वारा किसी भी कारण से किसी रोगी के मृत शरीर को देने से इनकार नहीं किया जा सकता है। उपरोक्त चार्टर को अपनाने और लागू करने के लिए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ साझा किया गया है, ताकि क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट्स में सुचारू और सौहार्दपूर्ण वातावरण सुनिश्चित करते हुए रोगियों की शिकायतों और चिंताओं को दूर किया जा सके।
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