चीनी नागरिक पीएम मोदी को उनके निकनेम 'लाओशियान' से बुलाते हैं
चीनी पत्रकार ने बताया है कि सोशल मीडिया पर चीनी नागरिक पीएम मोदी को निकनेम से बुलाते हैं। यह निकनेम 'लाओशियान' है।
'द डिप्लोमेट' में लिखे गए आर्टिकल की शुरुआत में चीनी पत्रकार लिखते हैं कि उनका चीनी सोशल मीडिया पर एक अकाउंट है, जहां पर यूजर्स कई इंटरनेशनल मुद्दों पर लिखते रहते हैं। इस तरह उन्होंने विदेशी मामलों पर चीनी जनमत को समझने की कोशिश की है। बड़ी संख्या में चीनी यूजर्स का मानना है कि भारत और रूस के बीच काफी अच्छे संबंध हैं, जिसे विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी कहते हैं। वहीं, चीन और रूस के बजाय भारत और रूस के बीच अधिक हथियार सौदे हुए हैं। ऐसे में चीनी यूजर्स सवाल करते हैं कि अमेरिका को इस बात पर संदेह क्यों नहीं है कि यूक्रेन युद्ध में भारत रूस को हथियार प्रदान करेगा? सोशल मीडिया पर चीनी यूजर्स का मानना है कि यह एक बड़ा सबूत है कि अमेरिका यूक्रेन युद्ध में चीन और भारत के लिए दोहरा मानदंड लागू करता है। हालांकि दोनों देशों ने युद्ध के लिए रूस की निंदा करने से इनकार कर दिया है।
चीनी सोशल मीडिया में भारत को लेकर कई तरह के गलत परसेप्शन बने हुए हैं। कई लोग भारत में घटित होने वाले रेप के मामलों से भी अवगत हैं। अधिकांश चीनी लोग भारत को अमेरिका के बहुत करीब देखना पसंद नहीं करते हैं, लेकिन उन्हें यह भी लगता है कि चीन और भारत अब भी सहयोगी हो सकते हैं। वहीं, पिछले हफ्ते, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भारत में जी-20 मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लिया, जहां उन्होंने चीन-रूस और भारत-रूस संबंधों की प्रशंसा की। जब पत्रकार ने अपने आर्टिकल में इस बारे में लिखा तो चीनी यूजर्स की उस पर भी प्रतिक्रिया आई। उन्होंने कहा कि चीन, भारत और रूस के बीच सहयोग के मजबूत होने पश्चिमी देश दबाव में आ सकते हैं। भारत भी पूरी तरह से पश्चिम पर भरोसा नहीं करता है।
चीनी पत्रकार का दावा है कि चीनी लोगों के बीच पीएम नरेंद्र मोदी का एक निकनेम भी है। सोशल मीडिया पर अक्सर कई चीनी नागरिक पीएम मोदी को उनके निकनेम 'लाओशियान' से बुलाते हैं। दरअसल, लाओशियान शब्द का इस्तेमाल बुजुर्ग अमर व्यक्ति के लिए होता है, जिसके पास कुछ अनोखी ताकत होती है। इस निकनेम के जरिए से चीनी नागरिक सोचते हैं कि पीएम मोदी अन्य नेताओं की तुलना में अलग और आश्चर्यजनक हैं। वे पीएम मोदी के पहनावे और शारीरिक रूप-रंग पर भी इशारा करते हैं। चीनी पत्रकार का दावा है कि वे पिछले 20 सालों से इंटरनेशनल मीडिया की रिपोर्टिंग कर रहे हैं, लेकिन चीनी नागरिकों द्वारा किसी विदेशी नेता को निकनेम देना काफी दुलर्भ है। इससे साफ है कि पीएम मोदी ने चीनी जनता की राय पर असर डाला है।
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