गणतंत्र दिवस
हर राष्ट्र अपनी भूमि, जनसमूह, संस्कृति, सभ्यता, इतिहास, धर्म, साहित्य, कला, राजनीति, जीवनदर्शन आदि के प्रति देशवासियों के हृदय में जो नैसर्गिक स्वाभिमान होता है, उसी के बल पर जीवंत रहता है। अथर्ववेद (6.64.2) में 'समानो मंत्र समितिः - समानं चेतो अभिसंविषवम्' मनुष्यों के विचार तथा सभा सबके लिए समान हो कहा गया है। एक विचार एवं सबको समान मौलिक शक्ति मिलने की बात कही है।
अपने अधिकारों और कर्तव्यों का पालन करते हुए दूसरों के अधिकारों का हनन न करें। गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं!
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