प्रहार जनशक्ति पार्टी के प्रमुख ने कहा - 'आवारा कुत्तों को असम भेजो, वहां के लोग कुत्तों को खाते हैं'

महाराष्ट्र में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या को काबू करने के लिए विधायक ओमप्रकाश बाबाराव कडू उर्फ बच्चू ने सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि आवारा कुत्तों को असम भेज देना चाहिए।

मार्च 5, 2023 - 19:17
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प्रहार जनशक्ति पार्टी के प्रमुख ने कहा - 'आवारा कुत्तों को असम भेजो, वहां के लोग कुत्तों को खाते हैं'

महाराष्ट्र में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या को काबू करने के लिए विधायक ओमप्रकाश बाबाराव कडू उर्फ बच्चू ने सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि आवारा कुत्तों को असम भेज देना चाहिए। वहां के लोग कुत्तों को खाते हैं। अभी एक शहर में यह प्रयोग करना चाहिए। अगर सफल हों तो इसे पूरे राज्य में लागू करना चाहिए। कडू प्रहार जनशक्ति पार्टी के प्रमुख हैं। वह अचलपुर से विधायक हैं।

कडू ने यह बयान विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान दिया था। वह आवारा कुत्तों के कारण होने वाली समस्याओं के बारे में विधायक प्रताप सरनाइक और अतुल भातखलकर द्वारा उठाए गए मुद्दे पर चर्चा के दौरान बोल रहे थे। अब उनके बयान पर डॉग लवर्स ने नाराजगी जताते हुए इसे गैरजिम्मेदाराना करार दिया है।

शिवसेना में एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद बच्चू कडू भी असम की राजधानी गुवाहाटी गए थे। उन्होंने कहा कि कुत्तों की असम में कीमत है। वहां आठ से नौ हजार रुपए में कुत्ते बिकते हैं। जब हम गुवाहाटी गए थे तो पता चला कि जिस तरह अपने यहां बकरे का मांस खाया जाता है, उसी तरह असम में कुत्ते का मांस खाया जाता है। ऐसे में वहां के व्यापारियों को बुलाकर इस पर उपाय योजना करने की जरूरत है। एक दिन आवारा कुत्तों की समस्या का हल निकल जाएगा। इसके लिए असम की सरकार से बातचीत करने की जरूरत पड़ेगी।

झारखंड के बोकारो से भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने हाल ही में आवारा कुत्तों के लोगों पर हमला करने का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार समस्या का समाधान नहीं ढूंढ पाती है, तो नगालैंड के लोगों को बुलाओ समस्या दूर हो जाएगी। बजट सत्र के दौरान राज्य विधानसभा में दावा किया कि अकेले रांची के डॉग बाइट सेंटर में रोजाना करीब 300 लोग पहुंचते हैं।

मार्केट में दुकान लगाने के लिए दिन के 50 रुपए देने पड़ते हैं। इसमें 40 रुपए अथॉरिटी ऑफिस और 10 रुपए नगर निगम को जाते हैं। ये पैसे देकर कोई भी दुकान लगा सकता है, भले डॉग मीट बेचे या सब्जी।

डॉग मीट पर एक बार बैन लग चुका है। इससे बहुत दिक्कत हो गई थी। बैन के बाद हमने कुछ दिन इसे बेचना बंद कर दिया था। फिर हमारी बात शुरू हुई और अब दोबारा बिक्री शुरू हो गई है। यहां सभी लोग डॉग मीट नहीं खाते। इसमें बहुत प्रोटीन होता है, इसलिए प्रेग्नेंट महिलाएं, कैंसर के मरीज, इलाज करवा रहे या ऑपरेशन करवा चुके लोग इसे खाते हैं। इसके सूप में बहुत ताकत होती है।

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