सीमा से जुड़े मुद्दों के समाधान की पहल, बीजिंग में शीर्ष अधिकारियों की वार्ता
India China Talk के माध्यम से भारत और चीन के अधिकारियों ने एलएसी विवाद से जुड़े मुद्दों के समाधान की पहल की। बीजिंग में सीमा वार्ता में विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव शिल्पक अंबुले और चीन की सहायक विदेश मंत्री हुआ चुनयिंग शामिल हुईं। रिपोर्ट्स के मुताबिक विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव शिल्पक अंबुले का बीजिंग दौरा अहम है, क्योंकि तीन साल से अधिक समय में किसी शीर्ष भारतीय अधिकारी की चीन की पहली यात्रा में है।
वार्ता के बारे में आई रिपोर्ट के अनुसार दोनों देशों के बीच भारत चीन संबंधों में "सामान्य स्थिति बहाल करने" के लिए स्थिति विकसित करने पर बात हुई। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास टकराव वाले दो क्षेत्रों में सैन्य विघटन के प्रस्तावों पर चर्चा भी की गई है।
विदेश मंत्रालय (MEA) में संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया), शिल्पक अंबुले ने बुधवार को शीर्ष चीनी सीमा अधिकारियों के साथ भी बातचीत की। उन्होंने चीनी सहायक विदेश मंत्री हुआ चुनयिंग से भी मुलाकात की। अंबुले ने भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (WMCC) की 26वीं बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। जुलाई 2019 के बाद व्यक्तिगत रूप से आयोजित इस तरह की पहली वार्ता थी।
चीनी पक्ष का नेतृत्व विदेश मंत्रालय के सीमा और समुद्री मामलों के विभाग के महानिदेशक होंग लियांग ने किया। विदेश मंत्रालय ने कहा, दोनों पक्षों ने "LAC के पास मौजूदा स्थिति की समीक्षा की" और "शेष क्षेत्रों में खुले और रचनात्मक तरीके से सेना को पीछे हटाने के प्रस्तावों पर चर्चा की। इससे पश्चिमी क्षेत्र में LAC से सटे इलाकों में शांति बहाल करने में मदद मिलेगी। द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति बहाली के लिए स्थितियां बनाई जाएंगी।
चीनी पक्ष के एक बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने बातचीत के अगले चरण पर विचारों का आदान-प्रदान किया। गलवान घाटी और चार अन्य टकराव वाले क्षेत्रों में "सकारात्मक प्रगति की समीक्षा की गई।" साथ ही सैन्य विघटन के परिणामों की समीक्षा भी की गई।
चीन ने कहा कि दोनों पक्ष "पूर्व में बनी सहमति के आधार पर आगे बढ़ने, चीन-भारत सीमा के पश्चिमी खंड से संबंधित मुद्दों के समाधान में तेजी लाने और जल्द से जल्द एक पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान तक पहुंचने पर सहमत हुए।" बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव कम करने और सीमा को सामान्य नियंत्रण पर वापस लाने के अन्य उपायों पर चर्चा की।
दोनों पक्ष 20 दिसंबर, 2022 को अंतिम दौर के साथ, वरिष्ठ सैन्य कमांडरों के बीच 18वें दौर की वार्ता को जल्द से जल्द आयोजित करने पर सहमत हुए हैं।
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