PM मोदी के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल करने पर, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी लोकसभा से सस्पेंड
अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में अपशब्दों का इस्तेमाल करने पर सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को सदन से निलंबित करते हुए उनका मामला सदन की प्रिविलेज कमेटी को भेज दिया गया है।
लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की ओर से पीएम मोदी के बारे में अपशब्दों का इस्तेमाल करने पर उन्हें सदन से सस्पेंड कर दिया गया। अधीर के खिलाफ इस मामले को जांच के लिए विशेषाधिकार समिति के पास भेज दिया गया। संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने इससे जुड़ा एक प्रस्ताव लोकसभा में पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दी। इससे पहले, कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के सदस्य सदन से वॉक आउट कर चुके थे। प्रस्ताव के अनुसार, विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक कांग्रेस नेता चौधरी सदन की कार्यवाही से निलंबित रहेंगे।
सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए चौधरी ने महाभारत के एक संदर्भ का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री के खिलाफ कुछ टिप्पणी की थी जिसे आसन ने तत्काल रिकॉर्ड से हटाने का निर्देश दिया। इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह समेत सत्तापक्ष के कई सदस्यों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। भाजपा के सदस्य वीरेंद्र सिंह को आक्रामक होते देखा गया। इस घटनाक्रम के समय प्रधानमंत्री मोदी भी सदन में मौजूद थे। प्रधानमंत्री मोदी जब चर्चा का जवाब दे रहे थे तो उस समय भी चौधरी ने कई बार टोका-टाकी की।
चर्चा पर प्रधानमंत्री के जवाब के बाद जोशी ने कहा, 'जब प्रधानमंत्री, मंत्री बोलते हैं या कोई चर्चा होती है तो कांग्रेस के नेता (चौधरी) जानबूझकर व्यवधान पैदा करने की कोशिश करते हैं...उनको इसकी आदत हो गई है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि वह इस सदन की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेता हैं।' जोशी ने कहा, 'बार-बार कहने पर भी उन्होंने सुधार नहीं किया। वह आधारहीन आरोप लगाते हैं। देश और देश की छवि कम करने की कोशिश करते हैं, जबकि उनके आरोप में कोई तथ्य नहीं होता। कभी क्षमा नहीं मांगते।' उन्होंने कहा, 'कल गृह मंत्री के बोलने के समय भी उन्होंने ऐसा किया था।' भारतीय जनता पार्टी के सांसद वीरेंद्र सिंह ने चौधरी की टिप्पणी के बाद अपनी प्रतिक्रिया के लिए आसन और सदन से माफी मांगी। उन्होंने कहा, 'मैं हमेशा सदन के सम्मान को ध्यान में रखता हूं। हम अपने नेता (प्रधानमंत्री मोदी) के अपमान को बर्दाश्त नहीं कर पाए, उसके लिए मैं क्षमा चाहता हूं।'
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