सदन शुरू होते ही जोरदार हंगामा

सदन शुरू होते ही जोरदार हंगामा, लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित

मार्च 20, 2023 - 11:46
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सदन शुरू होते ही जोरदार हंगामा

संसद के भीतर और बाहर विपक्ष की एकजुटता सरकार के लिए परेशानी बन गई है। विपक्ष अडानी के मुद्दे पर हमलावर है तो बीजेपी ने राहुल गांधी के बयान पर संसद नहीं चलने दी। बजट सत्र खत्‍म होने में अब बस दो सप्‍ताह का समय रह गया है। केंद्र सरकार को बजट पारित कराना है। अभी तक हंगामे के चलते लोकसभा और राज्‍यसभा में ठीक से कामकाज नहीं हो पाया है। बजट सत्र 6 अप्रैल को खत्‍म हो रहा है। सोमवार को कांग्रेस के नेतृत्‍व में विपक्षी दलों की एक बैठक होने वाली है। राज्‍यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के चैंबर में यह बैठक हो सकती है। इसमें साझा नीयत वाली पार्टियां आगे की रणनीति तय करेंगी। तृणमूल कांग्रेस के इस बैठक में शामिल होने की संभावना नहीं है।

कांग्रेस सांसद शक्तिसिंह गोहिल ने राज्य सभा में नियम 267 के तहत स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है। उन्होंने पूछा है कि किरण पटेल को किस आधार पर Z+ सुरक्षा कवर प्रदान किया गया और उन्हें उन क्षेत्रों में जाने की अनुमति दी गई जहां नागरिकों को जाने की अनुमति नहीं है।'

विपक्षी दलों के सांसद आज संसद भवन में बैठक करेंगे। यह बैठक राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्‍यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के चैंबर में हो सकती है। बैठक में विपक्षी दल लोकसभा और राज्यसभा में आगे की रणनीति पर विचार करेंगे। टीएमसी अब तक कांग्रेस के नेतृत्व में हुई इन बैठकों से कन्नी काटती रही है। आज भी उसके सांसदों के बैठक में हिस्सा लेने की संभावना कम ही है।

सरकार के पास संसद में 2023-2024 के केंद्रीय बजट को पारित करने के लिए केवल दो सप्ताह का समय है। नियमानुसार, केंद्रीय बजट को वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पहले, यानी 31 मार्च 2023 से पहले संसद के दोनों सदनों में पारित कराना होगा। इस सप्ताह में सरकार कोशिश कर सकती है कि बजट क्लीयरेंस की प्रक्रिया शुरू की जाए। आम तौर पर रेलवे और कृषि जैसे कुछ प्रमुख मंत्रालयों की अनुदान मांगों को लोकसभा में चर्चा और मतदान के लिए लिया जाता है।

इसके बाद सरकार विनियोग विधेयक पेश करती है, जिसमें भारत की संचित निधि से धन निकालने की स्वीकृति मांगी जाती है। इस विधेयक के पारित हो जाने के बाद यह उपयुक्त अधिनियम बन जाता है। विनियोग विधेयक पर मतदान के बाद वित्त विधेयक पर विचार किया जाता है। सरकार 2022-23 के लिए अनुदान की पूरक मांगों के दूसरे बैच के लिए संसद की मंजूरी लेने का भी प्रयास करेगी।

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