तेल बाजार का ग्लोबल लीडर बनेगा भारत

तेल बाजार का ग्लोबल लीडर बनेगा भारत

मार्च 24, 2023 - 13:09
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तेल बाजार का ग्लोबल लीडर बनेगा भारत

भारत की विकास की स्पीड रॉकेट की रफ्तार से हो रही है और अब भारत, चीन को पछाड़कर दुनिया का सबसे बड़ा तेल उपयोगकर्ता देश बनने की कगार पर पहुंच गया है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, जल्द ही भारत तेल खपत करने के मामले में चीन को पीछे छोड़ देगा, जो भारत के लगातार विकास को दर्शाता है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है, कि चीन की विकास की रफ्तार धीमी पड़ गई है, लिहाजा भारत जल्द ही चीन को पीछे छोड़ देगा। रिपोर्ट में कहा गया है, कि शायद भारत आखिरी देश बनेगा, जो सबसे ज्यादा तेल खर्च करने वाला देश होगा, क्योंकि अब दुनिया तेजी से हरित क्रांति की तरफ आगे बढ़ रही है और ज्यादातर देश ग्रीन एनर्जी की तरफ आगे बढ़ रहे हैं।

आबादी के लिहाज से अनुमान है, कि भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया है और अब भारत दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन गया है, लेकिन उसी रफ्तार से भारत में पेर्टोलियम पदार्थ का खपत भी बढ़ा है। लिहाजा, भारत में तेल का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। भारत में अभी भी पेट्रोल और डीजल से चलने वाली गाड़ियों की संख्या में इजाफा हो रहा है, जबकि चीन में अब तेजी से इलेक्ट्रिक गाड़ियों के इस्तेमाल का चलन बढ़ा है। चीन में इलेक्ट्रिक कारों की डिमांड पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा है और ये भी एक वजह है, कि चीन में पेट्रोल-डीजल की डिमांड में कमी आई है। हालांकि, इस बात की संभावना काफी कम है, कि भारत भी अपने तेल नेटवर्क का चीन की तरह ही विशालकाय पैमाने पर विस्तार करेगा, क्योंकि भारत का लक्ष्य भी ग्रीन एनर्जी की दिशा में बढ़ना है। माना जा रहा है, कि चीन की तुलना में भारत में कच्चे तेल की डिमांड में तीन गुना का इजाफा होगा, लिहाजा दुनियाभर के तेल उत्पादक देश भारत की तरफ ही आएंगे, ताकि तेल की डिमांड में विश्वस्तर पर आई गिरावट की भरपाई भारत में की जा सके। इस रेस में खाड़ी के कई देश भी शामिल होंगे, जो भारत को तेल बेचने की कोशिश करेंगे।

जेपी मॉर्गन चेस एंड कंपनी में एशिया एनर्जी एंड केमिकल रिसर्च के प्रमुख पार्ले ओंग ने कहा, कि "तेल की डिमांड में भारत का ग्लोबल ड्राइवर बनना हमेशा से निश्चित था और ये सिर्फ वक्त की बात थी, कि भारत कब तक चीन से आगे निकलता है। भारत का तेल खपत में नंबर वन बनना निश्चित था, खासकर भारत की जनसंख्या में जिस रफ्तार से वृद्धि हुई है, वो सबसे बड़ा फैक्टर है"। आपको बता दें, कि 1950-60 के दशक के बाद जब चीन आर्थिक जाकरण काल में आया, तो वो दुनिया का सबसे बड़ा तेल खपत करने वाला देश बन गया। तेल के साथ साथ चीन में दुनिया की सबसे ज्यादा बिजली की खपत होने लगी, जिसका फायदा दुनिया के तेल और बिजली उत्पादक देशों ने जमकर उठाया और चीन में तेल और बिजली बेचकर डॉलर्स कमाए। लेकिन,अब दुनिया ऊर्जा के लिए तेल पर अपनी निर्भरता तेजी से कम कर रही है, लिहाजा तेल उत्पादक देश भी टेंशन में हैं। चीन की शीर्ष रिफाइनर चाइना नेशनल पेट्रोलियम कॉर्प ने हाल ही में कहा है, कि 2030 के आसपास चीनी तेल की खपत रम पर होगी और उसके बाद चीन में तेल की डिमांड कम होने लगेगी।

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