देश में 2021 में लगभग 15 हजार महिलाओं ने ऑपरेशन के जरिए अपने ब्रेस्ट का साइज छोटा करवाया है

31,608 महिलाओं ने ब्रेस्ट इंप्लांट के जरिए अपने छोटे स्तनों के साइज को बढ़ाया है। इसके अलावा 11,520 महिलाओं ने ब्रेस्ट लिफ्ट सर्जरी के जरिए अपने ढीले स्तनों को एक आकर्षक शेप दी

मार्च 19, 2023 - 12:41
मार्च 19, 2023 - 22:18
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देश में 2021 में लगभग 15 हजार महिलाओं ने ऑपरेशन के जरिए अपने ब्रेस्ट का साइज छोटा करवाया है

आमतौर पर महिलाएं अपनी खूबसूरती और आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए ब्रेस्ट इंप्लांट्स सर्जरी का विकल्प चुनती हैं। इस सर्जरी के जरिए ब्रेस्ट के साइज को बढ़ाया जाता है। लेकिन इससे उलट एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। देश में साल 2021 में 15 हजार महिलाओं ने भारी स्तनों को कम करने के लिए सर्जरी करवाई है। एक्सपर्ट का कहना है कि भारतीय महिलाएं गंभीर शारीरिक और मनोवैज्ञानिक समस्याओं के कारण अपने भारी स्तनों को कम कराने के लिए मजूबर होती हैं।

ब्रेस्ट लिफ्ट सर्जरी को मास्टोपेक्सी या ब्रेस्ट रीशेपिंग सर्जरी भी कहा जाता है। यह स्तनों के आकार को बदलने के लिए की जाने वाली एक शल्य प्रक्रिया है। ब्रेस्ट लिफ्ट सर्जरी में, अतिरिक्त त्वचा को हटा दिया जाता है, और स्तन को ऊपर उठाने के लिए स्तन के ऊतकों को फिर से आकार दिया जाता है। ब्रेस्ट लिफ्ट सर्जरी मुख्य रूप से ढीले स्तनों को कसने और उन्हें अधिक आकर्षक बनाने के लिए की जाती है।

नानावती अस्पताल, जुहू की प्लास्टिक सर्जन डॉ. देवयानी बर्वे ने कहा, 'पिछले पांच सालों में मैंने अपनी प्रैक्टिस में ब्रेस्ट लिफ्ट सर्जरी की तुलना में स्तनों को छोटा करने की सर्जरी दोगुनी की है।' हिंदुजा अस्पताल के प्लास्टिक सर्जन डॉ अनिल टिब्रेवाला ने कहा कि पिछले तीन सालों में ब्रेस्ट रिडक्शन सर्जरी और ब्रेस्ट लिफ्ट सर्जरी की डिमांड काफी बढ़ी है। वह इसके लिए दो फैक्टर को जिम्मेदार ठहराते हैं। उनका कहना है कि भारत में स्तनों का औसत आकार फ्रांस की तुलना में बड़ा है। इसके अलावा भारत में अगर कोई 17 साल की लड़की भारी स्तनों से असहज महसूस होती है तो उसके पैरंट्स ब्रेस्ट रिडक्शन सर्जरी के लिए आसानी से हामी भर देते हैं।

31 साल की एक कॉरपोरेट वकील ने दिसंबर 2022 में अपने स्तनों के साइज को छोटा करवाने के लिए सर्जरी करवाई है। वह बताती हैं कि 15 साल से वह अपने स्तनों के साइज को छोटा करवाने की सोच रही थीं। उनका कहना है कि भारी स्तनों की वजह से उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता था। उनका आत्मविश्वास इस कदर कम हो गया था कि वह स्विमिंग पुल में तैरने भी तब जाती थी जब वहां कोई नहीं होता था। भारी स्तनों की वजह से काफी असहज महूसस करती थीं। हालांकि वह अकेली नहीं है। साल 2021 में भारत में करीब 15 हजार महिलाओं ने अपने स्तनों से अतिरिक्त वसा और ग्रंथियों के ऊतकों को हटाकर ब्रेस्ट के साइज को छोटा करने का विकल्प चुना। उधर 31,608 महिलाओं ने ब्रेस्ट इंप्लांट से अपने छोटे स्तनों के साइज को और बढ़ाया है। वहीं 11,520 महिलाओं ने ब्रेस्ट लिफ्ट सर्जरी से अपने ढीले ब्रेस्ट को आकर्षक शेप दी है।

इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ एस्थेटिक प्लास्टिक सर्जरी के अनुसार, 16.2 लाख महिलाओं ने स्तन बढ़ाने का विकल्प चुना, जबकि स्तनों को कम करने के लिए 4.3 लाख महिलाओं ने सर्जरी का विकल्प चुना है। दुनिया भर में अन्य 6 लाख महिलाओं ने ब्रेस्ट लिफ्ट सर्जरी का विकल्प चुना है।

बर्वे ने कहा, ब्रेस्ट साइज में कमी कुछ महिलाओं के लिए बेहद जरूरी होता है। खासतौर पर जिनके स्तन का आकार उनके शरीर के बाकी हिस्सों के अनुपात में नहीं होता है। वह बताते हैं कि भारतीय महिलाओं के स्तन भारी और रेशेदार होते हैं। भारी स्तनों की वजह से ब्रा का पट्टा खींचता हैं, जिससे कई बार पीठ में भयंकर दर्द होता है। भारत में कई लोग फर्मिंग क्रीम, हार्मोनल गोलियां और स्टेरॉयड जैसे 'वैकल्पिक विकल्पों' पर हजारों रुपये खर्च करते हैं क्योंकि सर्जिकल विकल्प के बारे में जागरूकता कम है।

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