भारत
साहित्य अकेडमी समारोह से नेहरू के पोस्टर गायब ?
इनदिनों देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर रोज निशाना साधा जा रहा है और उनका नाम मिटाने की कोशिश की जा रही है। क्या साहित्य अकादमी भी इसमें शामिल है?
आज मुझे किसी ने संदेश भेजा कि अकादमी के समारोह में स्वतंत्रता सेनानी और लेखक शृंखला के पोस्टरों में नेहरू जी नहीं हैं जबकि वीर सावरकर हैं। फिर मैंने कार्यक्रम स्थल की मुख्य दीवारका मुआयना किया तथा उन तीन सभागारों में भी जाकर चेक किया तो मुझे नेहरू जी के पोस्टर नजर नहीं आये।
9अकादमी के दो अधिकारियों से पूछा तो उन्होंने कहा जरा तीनों सभागारों मेंफिर ठीक से चेक कीजिये ।मैंने फिर चेक किया।मेरे साथ ओंकारेश्वर पांडेय नामक पत्रकार भी थे।
कुल 35 स्वतंत्रतासेनानियों और लेखक के पोस्टर थे जिसमे पटेल अंबेडकर लोहिया श्यामा प्रसाद मुखर्जी हेडगेवार सावरकर सभी के पोस्टर थे लेकिन मोतीलाल नेहरू और जवाहर लाल नेहरू के पोस्टर नहीं थे।
नेहरू जी करींब दस साल जेल में रहे और खुद भी बड़े लेखक थे।
वह प्रधानमंत्री नहीं भी होते तो कम से कम डिस्कवरी ऑफ इंडिया पुस्तक के लेखक के रूप में जाने जाते।वह साहित्य अकादमी के अध्यक्ष भी रह चुके थे लेकिन पटेल अंबेडकर पुरुषोत्तम दास टंडन के साथ उनकी तस्वीर नहीं थी।
क्या नेहरू का पोस्टर कहीं छिपा कर रखा गया था या मेरी नजरों को धोखा हुआ।अकादमी के अधिकारी मुझे सन्तोषजनक जवाब नहीं दे पाए।क्या यह मानवीय भूल थी या उपरसे निर्देश था क्योंकि पिछले दिनों एक सरकारी वेबसाइट से भी नेहरू का नाम हटा दिया गया था जिसको लेकर बहुत हंगामा हुआ।
बाद में अकादमी उनका पोस्टर लगा दे या कह दे कि वह तो लगा हुआ था आपने देखा नहीं तो मेरे पास कोई सबूत नहीं रहेगा अपनी बात का पर आज नेहरू जी वहां नहीं मिले।मैं उन्हें ढूंढता रह गया।क्या मैँ उन्हें खोज नहीं पाया?अगर किसी को वह पोस्टर मिले तो बता दें।पता नहीं पुरस्कृत लेखकों ने देखा या नहीं। जो भी हो मैं हताश होकर लौटा।
क्या अब नेहरू जी को अब खोजना पड़ेगा लिखना पड़ेगा 'discovery of nehru?
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