कविता

मार्च 31, 2023 - 01:54
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कविता

राम, तुम मानव हो? ईश्वर नहीं हो क्या?

विश्व में रमे हुए नहीं सभी कहीं हो क्या?

 [ मैथिलीशरण गुप्त]

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