लियोनार्डो द विंची

अप्रैल 9, 2023 - 12:41
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लियोनार्डो द विंची

द प्रिजनर इन द सेल ..

लियोनार्डो इस वक्त मिलान की जेलों में घूम रहे थे। तस्वीर बनानी थी उन्हें, जो काम मिलान के ड्यूक ने दिया था। लम्बा वक्त लगता है एक तस्वीर पूरा करने में। तस्वीर का विषय क्राइस्ट का आखरी डिनर था, इसमे वो और उनके बारह शिष्य आखरी बार साथ भोजन कर रहे हैं।

◆◆ भोजन के दौरान ही क्राइस्ट बताते हैं कि अब उनका अंत करीब है। शिष्यों में शॉक फैल जाता है। पर ये शॉक और बढ़ जाता है जब शिष्यो को बताया जाता है, कि उनमें से कोई एक है, जो धोखा देगा। अब हर एक शिष्य के चेहरे पर अलग भाव है। भय, धोखा, शॉक, शोक, गुस्सा, उदासी, चिंता.. और एक एक शिष्य के चेहरे पर एक एक भाव है। भावों का यही प्रदर्शन लियोनार्डो की उस पेंटिंग को मास्टरपीस बनाता है

 द लास्ट सपर!!!

◆◆ क्राइस्ट के चेहरे पर न दुख है, न भय। वे शांत है, देवतुल्य हैं, निर्भीक हैं। उनकी आंखों में करुणा है। हर चेहरे के पीछे लियोनार्डो आम जीवन से उस भाव के व्यक्ति से मिलते हैं। उसकी आंखें, भौहें, चेहरे के एक एक मूवमेंट को स्टडी करते हैं। उस मॉडल के अपनी पेटिंग में उतारते हैं। क्राइस्ट को बनाने के लिए एक 19 साल के युवक को उन्होंने मॉडल बनाया। शांत, उत्साही, ऊर्जा से भरा युवक। उसकी करुणा, उसकी जिजीविषा पेंटर के दिमाग मे बिठाता है, और कैनवस पर उकेरता है। क्राइस्ट बन चुके हैं। और शिष्य भी उकेरे जा चुके। जुडास बचा है। धोखेबाज। एक हाथ में सिक्को से भरी थैली है, दूसरे से रोटी तोड़ रहा है। उसे मालूम है कि क्या होने वाला है। उसे पता है कि जो होगा, गलत होगा। और सिक्को की थैली उसे आश्वस्त कर रही है। लालच ने उसे इस सपर के दौरान बने सारे माहौल से निस्पृह रखा है। बस, इस भाव से भरा एक मॉडल चाहिए।

 ◆◆ अनुमति लेकर लियोनार्डो मिलान की जेल के कैदियों से मिल रहे हैं। एक पर निगाह टिकती है। वो हत्या के मामले में बन्द है। किसी अपने का कत्ल किया है। वही क्रूरता, भावशून्यता.. लियोनार्डो को अपना जूडास मिल गया है। उसकी शक्ल को पढ़ते हैं, जेहन में सजाते हैं। और फिर उसे जाने का आदेश देते हैं। पर कैदी जानना चाहता है कि हो क्या रहा है, पेंटर उसे बता देता है।

 ◆◆ कैदी भूमि पर बैठ जाता है। जार जार रोता है। अब पूछने की बारी लियोनार्डो की थी - क्या हुआ?? कैदी ने आंसू पोंछे, हिचकियो के बीच मुश्किल से बोल सका- आपने मुझे पहचाना नही। सात साल पहले जिस मॉडल को लेकर आपने क्राइस्ट की पेंटिंग रची थी... वो मैं ही था.. !!!

◆◆ सात साल लम्बा अरसा होता है। उम्मीदों से भरा इंसान, भावशून्यता कातिल में बदल सकता है। उसके कर्म,उसकी सोच, उसका लालच, उसका धोखा.. उसकी शक्ल बदल देता है। क्राइस्ट से जुडास बना देता है।

 लियोनार्डो अवाक थे। मैं और आप भी अवाक है। सात साल पहले हमारे मित्र, परिवार, सहकर्मी, प्रेमी, दोस्त.. जो विकास, साथ समावेश, प्रगति की बातें करते दैदीप्यमान दिखते थे। अब नफरत, झूठ, गुस्से और धोखे को जस्टिफाई करते हुए कुटिलता से मुस्कुराते है, हमे हमसे धोखा करने वाला जुडास दिखाई देता है। एक हाथ सिक्को की थैली पर रखे, दूजे से रोटी तोड़ते ये वहीं तो हैं।।।

 दैट प्रिजनर इन द सेल।

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