मिर्ज़ा ग़ालिब

"घर मे क्या रखा था, जो तिरा ग़म उसे गारत करता,
वो जो दिल मे रखते हैं हसरत-ए-तामीर , सो है ।"
SIR GHALIB...
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"घर मे क्या रखा था, जो तिरा ग़म उसे गारत करता,
वो जो दिल मे रखते हैं हसरत-ए-तामीर , सो है ।"
SIR GHALIB...