मिर्ज़ा ग़ालिब 4
                                गो हाथ को जुम्बिश नहीं., आँखों में तो दम है
रहेने दो अभी सागर-ओ-मीना मेरे आगे.
SIR GHALIB...
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                                गो हाथ को जुम्बिश नहीं., आँखों में तो दम है
रहेने दो अभी सागर-ओ-मीना मेरे आगे.
SIR GHALIB...