भारत के 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौक़े पर पीएम नरेंद्र मोदी ने लाल क़िले से देश को संबोधित किया.
पीएम मोदी ने अपने भाषण में देशवासियों को 'परिवारजन' कहकर संबोधित किया. भाषण के अंत में पीएम मोदी ने अगले साल फिर से लाल क़िले से भाषण देने की बात कही. पीएम मोदी ने लगभग डेढ़ घंटे लंबे भाषण में भ्रष्टाचार, 2014 के चुनावों, ग़ुलामी के दौर, महंगाई और भारत के विकास की बात की.
पीएम मोदी ने विपक्षी दलों पर भी तंज़ कसा.
पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत मणिपुर में हो रही हिंसा से की.
मणिपुर हिंसा का ज़िक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ''पिछले समय से मणिपुर में हिंसा का जो दौर चला. कई लोगों को हिंसा को शिकार होना पड़ा. मां- बेटियों के साथ अत्याचार हुआ लेकिन कुछ दिनों से शांति की ख़बरें आ रही हैं."
पीएम मोदी बोले, "देश मणिपुर के साथ है. केंद्र सरकार, राज्य के साथ मिलकर समाधान के प्रयास कर रही है और करती रहेगी. ”
देश की एकता पर पीएम मोदी कहते हैं कि घटना मणिपुर में होती है तो दर्द महाराष्ट्र में होता है.
भारत को विकसित देश बनाने की बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ''मैं आज आपसे कुछ मांगने आया हूं. 2047 में भारत का तिरंगा विकसित भारत का तिरंगा होना चाहिए. रत्तीभर भी पीछे नहीं हटना है. जो देश सोने की चिड़िया कहा जाता था, वो फिर से क्यों ना खड़ा हो जाए. 2047 में मेरा देश विकसित देश बनकर रहेगा. ये बात मैं अपने देश के संसाधनों, सामर्थ्य और 30 की उम्र से कम लोगों के दम पर कह रहा हूं.''
पीएम मोदी ने अपने भाषण में विपक्षी दलों के गठबंधन 'इंडिया' और कांग्रेस पर भी बिना नाम लिए तंज़ कसा.
परिवारवाद का ज़िक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ''देश के लोकतंत्र में एक बीमारी आई है- परिवारवादी पार्टी. इनका एक ही मंत्र है- परिवार को, परिवार के लिए, परिवार के द्वारा.''
वो बोले- ''देश के विकास के लिए ज़रूरी है कि इनसे मुक्ति मिले. समाजिक न्याय को किसी ने तबाह किया है तो वो तुष्टिकरण ने किया है.''
भ्रष्टाचार का ज़िक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ''अब आंख बंद करने का समय नहीं है. अगर संकल्प को पार करना है तो हमें तीन बुराइयों से लड़ना ज़रूरी है. भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ जंग, मुक्ति हर क्षेत्र में ज़रूरी है. ये मेरी प्रतिबद्धता है कि मैं भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ जंग लड़ता रहूंगा.''
वो बोले, ''दूसरी बुराई परिवारवाद है. इसने देश का हक छीना है. तीसरी बुराई तुष्टीकरण है. इससे हमारे राष्ट्रीय चरित्र में दाग लगता है. इसलिए भ्रष्टाचार, परिवारवाद, तुष्टीकरण तीनों बुराई हैं.''
पीएम मोदी ने कहा, ''मैं पसीना भी बहाता हूं तो आपके लिए बहाता हूं. सपने भी देखता हूं तो आपके लिए देखता हूं.''
वो कहते हैं- हमारे नसीब में देश के लिए मरने का मौक़ा नहीं है लेकिन हमारे लिए देश के लिए जीने से बड़ा कोई अवसर नहीं है. हमें पल-पल देश के लिए जीना है.
अपने भाषण में पीएम मोदी ने भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ नफ़रत का माहौल बनाने की अपील की.
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