कविता
जा,तू शिकायत के क़ाबिल हो कर आ
अभी तो मेरी हर शिकायत से
तेरा क़द बहुत छोटा है
पाश...
आपकी प्रतिक्रिया क्या है?
जा,तू शिकायत के क़ाबिल हो कर आ
अभी तो मेरी हर शिकायत से
तेरा क़द बहुत छोटा है
पाश...