कविता (ब्रेख़्त)

मार्च 27, 2023 - 01:30
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कविता (ब्रेख़्त)

मै जानता हूँ

 कि यह महज संयोग है

कि बहुत से दोस्तों में

मै ही बच गया हूँ

 लेकिन कल रात एक सपने में

मैंने सुना कि वे दोस्त मुझसे कह रहे हैं :

सिर्फ ताकतवर ही बचे रहते हैं

और इसके बाद

मुझे अपने आप से घृणा हो गयी.

-ब्रेख्त

 

[हिटलर के 'यहूदी-विरोधी अभियान' में ब्रेख्त के बहुत से दोस्त मारे गये. अमेरिका में निर्वासित जीवन जीते हुए ब्रेख्त ने यह बेहद संवेदनशील कविता लिखी]

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