राजनीति
तीस साल से इस देश में सरकारों की जो नीतियाँ हैं, उसको देखते (देखते कम, भुगतने का ज़्यादा) हुए इनके साथ सहानुभूति या समर्थन में खड़ा होना बड़ा मुश्किल दिख रहा है. राहुल विरासती नेता हैं, जैसे अखिलेश, तेजस्वी, उद्धव या स्टालिन हैं. इनको अपने विरासत की समीक्षा पहले देनी होगी. इन्होंने अभी तक यह नहीं किया है. मोदी एक एजेंडे को लेकर चल रहे हैं, इनके पास क्या एजेंडा है?
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