मुस्लिम लड़कियों का बर्बाद होने की कगार पर एक और वर्ष, SC का तत्काल लिस्टिंग से इनकार
मुस्लिम लड़कियों का बर्बाद होने की कगार पर एक और वर्ष, SC का तत्काल लिस्टिंग से इनकार
कर्नाटक के सरकारी स्कूलों और पीयू कॉलेजों में हिजाब पर प्रतिबंध का विरोध जारी है। पीयूसी परीक्षा छोड़कर एस साल गवां चुकी मुस्लिम महिला प्री-यूनिवर्सिटी की छात्राएं वर्तमान शैक्षणिक सत्र भी पूरा नहीं कर पाएंगी, क्योंकि हिजाब के साथ स्कूलों और कॉलेजों में परीक्षा देने की अनुमति देने वाली याचिका की तत्काल लिस्टिंग से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है।
मुस्लिम महिला प्री-यूनिवर्सिटी में 9 मार्च से परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। लेकिन इस बीच सुप्रीम एक सप्ताह का अवकाश लेता है। होली के अवकाश के बाद 13 मार्च को अदालत में फिर से मामलों की सुनवाई के लिए खुलेगा। लेकिन इस बीच परीक्षाएं शुरू हो चुकी होंगी। ऐसे में विरोध कर रही छात्राओं ने हिजाब पहनकर परीत्रक्षा देने की अनुमति देनो वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी। याचिका खारिज होने से हिजाब पहनकर परीक्षा देने की जिद पर अड़ी छात्राओं का एक और वर्ष खराब हो सकता है।
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में "महिलाओं के लिए शरिया समिति" ने सरकारी संस्थानों और कॉलेजों में छात्रों को हिजाब सहित धार्मिक पोशाक पहनने पर रोक लगाने के राज्य के फैसले को सही ठहराने वाले कर्नाटक उच्च न्यायालय के एक फैसले का विरोध किया। समिति ने इसके साथ मुस्लिम छात्राओं को हिजाब के साथ पीयूसी परीक्षा देने की अनुमति देने के अनुरोध पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मांग का खारिज कर दिया। याचिका पर अब सुनवाई होली के अवकाश के बाद की जाएगी।
बता दें कर्नाटक में स्कूलों में हिजाब पर प्रतिबंत के मामले में पिछले साल 13 अक्टूबर को SC के दो-न्यायाधीशों के पैनल द्वारा आदेश दिया गया था। इस पर विरोध के बाद CJI ने मामलों की सुनवाई के लिए तीन-न्यायाधीशों की पीठ की नियुक्ति की।
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