शेर ( अब जाने कितना सफर बाँकी है)
जाने अब कितना सफ़र बाकी बचा है उम्र का,
ज़िन्दगी उबले हुए खाने तलक तो आ गयी ....
मुनव्वर राणा
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ज़िन्दगी उबले हुए खाने तलक तो आ गयी ....
मुनव्वर राणा