महिला शसक्तीकरण के नाम पर
रिद्म चनाना
ठीक है तुम्हें कुछ पहनना है या कुछ भी नहीं पहनना है ये तुम्हारा सर दर्द है
मगर बाकी क्या करें? तुम्हारी लाइफ स्टाइल को अगर एन्जॉय न कर पा रहे हों तो?
किस बात कि एडवोकेसी कि जाए?
स्वतन्त्रता या स्वच्छनदता की ये अगर महिला सशक्तिकरण है तो इस से उपजे अपराध का जिम्मेदार कौन होगा? लिबरल फेमिनिस्ट ने पोर्न पर भी बहुत दिमाग़ का दही किया था इस पर भी करें कृप्या वैसे रिद्म लेडीज कम्पार्टमेंट में क्यों है किसी भी आम यात्री की तरह सबके बीच यात्रा क्यों नहीं करती
ये सिर्फ जिज्ञासा मात्र है????
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